सोमवार, अगस्त 05, 2013

कब कहलायेगा देश महान ?





















मेरा भारत है महान
हर एक बंदा परेशान
जनता इसकी है हैरान
क्या यही है इसकी शान ?

नेता सारे हैं बेईमान
करते सबका नुक्सान
हरकतों से सब शैतान
फिर भी पाते क्यों ईनाम ?

नारी रूप दुर्गा समान
करुणा ममता की खान
घुटती रहती अबला जान
कब लेगी वो इन्तकाम ?

युवा देश की पहचान
चलता अपना सीना तान
खटता रहता सुबह शाम
मिलता नहीं उसे क्यों मान ?

फौजी देते हैं बलिदान
फिर भी पाते न सम्मान
परिवार उनके गुमनाम
घर उनके है क्यों वीरान ?

चापलूसों की देखो शान
करते अपना जो गुणगान
बनते दिनों दिन धनवान
उन गद्दारों का क्या ईमान ?

आम जनता छोटी जान
पालन करती हर फरमान
इज्ज़त पर देती है जान
क्या यही है इसका काम ?

'निर्जन' सोच सोच हैरान
कैसे बढ़ेगा देश का मान ?
कब टूटेगी लगी ये आन ?
कब कहलायेगा देश महान ?

2 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत ही ओज पूर्ण रचना बधाई स्वीकार करें
    आपके ब्लॉग पर पहली बार आया और बहुत सुंदर और सार्थक रचना पढ़ने को मिली ,आभार ........

    जवाब देंहटाएं

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